संछिप्त विवरण ( नन्द गोपाल गुप्ता - नंदी )
- 23/4/ 1974 को बहादुरगंज प्रयागराज में एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे नंद गोपाल गुप्ता नंदी की माता श्रीमती विमला देवी ने अपने पुत्र के जन्म के समय कल्पना भी ना की होगी कि मात्र 33 वर्ष की अवस्था में उनका पुत्र एक किवदंती रच देगा और उस समय पुत्र के "पांव पालने में भी कुछ ऐसे नहीं दिखे थे" और पारिवारिक परिवेश भी ऐसा नहीं था कि कोई कह सके "होनहार बिरवान के होत चीकने पात" ।
- सड़क की पटरियों पर पटाखे और रंग गुलाल की दुकान लगाते, घर में बनाई गई कागज की थैलीयां गली-गली, दुकानदारों को देते बेचते नन्दी, पसीना बहाते जीवन की पथरीली राहों पर नंगे पैर चलते नन्दी, मिठाई की दुकान पर कढ़ाई में चाशनी बनाते नन्दी, फिर धीरे-धीरे सीढ़ी– दर–सीढ़ी ऊपर चढ़ते नन्दी और फिर इतनी ऊंची छलांग लगाते नन्दी –हर रूप में प्रयागराज की गलियों सड़कों ने देखा नन्दी को फिर, धीरे–धीरे कई फर्मों "नन्दी राम्स राइस मिल्स, नन्दी ब्रांड ईंट, जाह्नवी सेल्स, अभिनव ट्रेडिंग कम्पनी की स्थापना के साथ आज से 17 साल पहले बनी नन्दी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के मालिक के रुप में दिखाई पड़े नन्दी।
- इन सबको व्यवस्थित ढंग से चलाते नन्द गोपाल नन्दी फिर सामाजिक जीवन की ओर मुड़े– समाज का हर तबका नन्दी को अपने साथ देखने लगा – सामाजिक धार्मिक, व्यापरिक –हर कार्यक्रम में दिखाई पड़ने लगे नन्दी। घर घर आटा, कभी नमकीन, कभी दवा, साइकिल टेम्पो से पहुंचाने वाले नन्दी को इंडस्ट्रीज के प्रतिस्थापक के रूप में देखकर लोगों में एक सम्मान की भावना जागृत हो जाती थी । गरीबी में पले बढ़े नन्दी गरीबों के लिए सहायता का हाथ बढ़ाएं हमेशा दिखाई पड़ने लगे, कितनी गरीब कन्याओं की शादियों में गुपचुप मदद करते, सामाजिक संस्थाओं को दान से पोसते, अचानक नन्दी के पैर राजनीति के उस राह की ओर मुड़ गए जहां सब कुछ संभावना के सहारे था, अनिश्चितता की राह थी। आगे वहां धुंधला था, जिसके पार क्या है ?किसी को पता नहीं था खुद नन्दी को भी नहीं।।।।
- ।।सड़क से सत्ता के गलियारे तक।। राजनीति के गलियारे में नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी का प्रवेश कोई बहुत सोच समझकर नहीं हुआ था पूर्णतया भावनात्मक उबाल था। राजनीति के मैदान में विधानसभा के चुनावों की तैयारी में उतरे नन्दी इलाहाबाद शहर दक्षिणी का मतदाता एक राजनैतिक के रुप में कितना स्वीकार करेगा नन्दी को – यक्ष प्रश्न था सबके सामने और नन्दी के सामने भी। नन्दी सर्वजनप्रिय सभी के प्यारे दुलारे बन कर मैदान में उतरे। उन्हें पता था लड़ाई कठिन है लेकिन अपने लोकप्रियता के बल पर अपराजये योद्धा बन कर उभरे।
- मई 2007 की राजनीति की किताब में नन्दी को लेकर एक नया पृष्ठ जुड़ा व इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा गया। व्यापारी, वैश्यों, ब्राह्मणों, कार्यस्थों व अन्य तमाम जातियों और मुस्लिमों सभी के वोट मिले, सभी का प्यार मिला, सभी का साथ मिला, सभी का हाथ मिला और 15000 मतों से नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी विजयी हुए।
- नंदी गली कोचों में घूमकर जर्जर हुई सड़कों का नए सिरे से कायाकल्प करते रहे, जन समस्याओं का समाधान करते रहे,घूम घूम कर लोगों से मिलते रहे, नन्दी का जनता दरबार तो इतना चर्चित हो गया कि उनकी लोकप्रियता आसमान की बुलंदियां छूने लगी। ।
- नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने व्यापारियों की हक के लिए लड़ाई लड़ते रहे लेकिन कुछ उदंड प्रवृत्ति के लोगों को ये रास नहीं आ रहा था फिर 12 जुलाई 2010 को नन्द गोपाल गुप्ता नन्द अपने घर के सामने मंदिर(मनोकामना पूर्ति प्राचीन शिव मंदिर बहादुरगंज) में दर्शन करने जा रहे थे तभी उनपर RDX रिमोट चालित बम द्वारा प्राणघातक हमला किया गया, नन्दी उनका गनर और अन्य दो तीन लोग इस हमले में खून से लथपथ धाराशाही कर दिए गए साथ में चल रहे दो लोग( इंडियन एक्सप्रेस का पत्रकार और एक पुलिस का गनर) काल कावलित हो गए । समूचे प्रदेश में राजनैतिक विद्वेष और व्यक्तिगत ईर्ष्या की इस रक्तरंजित गाथा ने सनसनी फैला दी।
- जिंदगी के लिए मौत से जूझते नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी को रात में प्रयागराज से एस०जी०पी०जी०आई० लखनऊ स्थानांतरित किया गया। नन्दी के असंख्य शुभचिंतकों ने जाति धर्म से परे जाकर अपने नेता के लिए मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारे, यहां तक कि गिरजाघरों में भी मार्मिक प्रार्थनाएं की,दुआएं मांगी, दुआ मांगी उस शख्स की जिंदगी के लिए जो उनके बेटे जैसा था, भाई जैसा था, जो अपनों से अधिक अपना था और सगा से कहीं अधिक सगा था।
- दुआएं नाकाम होती दवाओं पर भारी पड़ती रहीं। और फिर मौत से बड़ी बहादुरी से लड़कर एक विजेता के रूप में नन्दी पुनर्जीवित उसी अदम्य साहस और हौसले के साथ जिसके लिए वह विख्यात । 7 महीने 7 दिन बाद 19 फरवरी 2011 को फिर प्रयागराज की धरती पर लौटे नन्दी । नन्दी के नई जिंदगी पाकर फिर पर पुरा प्रयागराज प्रफुल्लित था। वेलकम ऐसा हुआ जो किसी राजनेता का प्रयागराज की धरती पर अब तक नहीं हुआ।
- अखबारों ने लिखा सुस्वागतम, हीरो सब वेलकम हुआ नंदी का, एक अखबार की नजर में नन्दी के स्वागत की भीड़ ऐसी थी जैसे दशहरे का उमड़ा जनसैलाब यह सब नन्दी की उस लोकप्रियता का बयान था जो अपनों के बीच अर्चित किया था उन्होंने अप्रेमय बेमिसाल।। दिसंबर 2011 में विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई। उस समय नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी उत्तर प्रदेश सरकार में हेमेयोपैथिक चिकित्सा मंत्री थे, इलाहाबाद शहर दक्षिणी से फिर उन्हें बीएसपी ने अपना उम्मीदवार बनाया।
- विधायक और मंत्री रहते हुए उन्होंने वैश्य समाज और व्यापारियों की हक की लड़ाई लड़ते रहे। लेकिन अप्रैल 2012 में नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी एक अदृश्य षड्यंत्र के शिकार हो गए और मात्र 414 वोटों से चुनाव हार गए। नन्दी के सभी अपने स्तब्ध रह गए इस परिणाम पर।। लेकिन नन्दी इतनी आसानी से कहां हार मानने वाले जून-जुलाई 2012 में प्रस्थानीय प्रशासन (नगर निकाय) के लिए चुनवों की घोषणा हुई और नगर प्रमुख पद के लिए प्रयागराज महिला क्षेत्र घोषित हुआ।
- महापौर पद के लिए नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता नन्दी को चुनावी मैदान में उतरीं और ऐतिहासिक मतों से विजयी हुईं। आज प्रदेश की सियासती गलियारे में आज नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की एक अलग पहचान है, आज वो एक प्रभावशाली राजनेता के रूप में गिने जाते हैं। राजनैतिक पुरोधाओं के नगर में इस मुकाम तक पहुंचना है और इस तरह अपनी पहचान बना लेना सहज कम नहीं है, लेकिन नन्दी ने यह साबित कर दिया कि परिश्रम और लगन के साथ काम करने को मान्यता मिलती ही है । और आज नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी पूरे प्रदेश अनगिनत लोगों को प्यार पाते हुए एक सौम्य राजनैतिक व्यक्तित्व के रूप में प्रतिस्थापित हुए हैं।
- उनकी लोकप्रियता का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, इसको इनके विरोधी भी स्वीकार करते हैं। नन्दी बड़ी बेफिक्री और शांत स्वभाव से आज के बदले राजनैतिक परिदृश्य को आम दर्शक की तरह देखते हैं, भविष्य का इंतजार करते हैं जिसेमें उन्हें विश्वास है, जो होगा अच्छा ही होगा – उनके अपने लिए भी और उनके जानने वालों के लिए भी...
- विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता और भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के और खुशहाली के महामंत्र में आस्था जताते हुए नन्दी ने विश्व के सबसे बड़े राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की शहर दक्षिणी से भारतीय जनता पार्टी के विधनसभा के प्रत्यासी बने और अपनी लोकप्रियता एवं घर–घर में पैठ के बल पर प्रचंड मतों के साथ दोबारा शहर दक्षिणी से विधायक बने।
- वर्तमान में प्रदेश के कर्मयोगी मा० मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और माननीय मुख्यमंत्री जी के हर गांव और हर घर तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लक्ष्य के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे शहर दक्षिणी विधानसभा के विधायक के रुप में उन्होंने क्षेत्र की जनता के चौमुखी विकास और तरक्की के लिए अनेकों उल्लेखनीय कार्य करें हैं। पिछले साढ़े चार से अधिक वर्षों के दौरान क्षेत्र में पेयजल, बिजली, सड़क, पार्कों का सौंदर्यकरण, गंभीर रूप से बीमार लोगों को आर्थिक सहायता, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन आदि के माध्यम से अभूतपूर्व और ऐतिहासिक काम किया है। इनकी पत्नी श्रीमती अभिलाषा गुप्ता नन्दी दूसरी बार की BJP से प्रयागराज की महापौर हैं। महापौर जी इनके साथ कदम से कदम मिलाकर क्षेत्रवासियों की सेवा में 24 घंटे तत्पर रहती हैं